चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब चंद्रयान 4 की तैयारी कर रहा है। जी हां चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब इसरो दोबारा चांद पर जाने की योजना बना रहा है।
इसरो अपने चंद्रयान का प्रयोग केवल चंद्रमा पर रोवर और लैंडर भेजने के लिए नहीं कर रहा है.
इसका लक्ष्य भी अन्य मिशन की तरह चांद पर इंसानों को उतारना ही है. लेकिन, इसे हासिल करना इतना आसान नहीं है.
इसरो की रॉकेट और इंजन की मौजूदा क्षमता इसको हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसीलिए इसरो हर चरण की सफलता के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है.
इस दिशा में कुछ और प्रयोग पहले से ही चल रहे हैं. इसरो का आगामी गगनयान भी इसी का हिस्सा है.
चंद्रयान-1 में ऑर्बिटर और मून इम्पैक्ट प्रोब लॉन्च किया गया. फिर चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ लैंडर और रोवर भी भेजे गए थे. जबकि चंद्रयान-3 में सिर्फ़ लैंडर और रोवर भेजा गया. इस प्रयोग में चंद्रयान-2 में इस्तेमाल किए गए ऑर्बिटर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
चंद्रयान-3 की सफलता और जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर चंद्रयान-4 उसके बाद प्रयोग जारी रखेगा. यदि ये सभी सफल रहे तो अगले मिशनों में मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने की कोशिश होगी.
एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि इसरो चंद्रयान -4 मिशन के प्रक्षेपण की अपनी योजना पर 'आंतरिक रूप से' चर्चा कर रहा था और इस संबंध में एक 'उपन्यास डिजाइन' और 'उच्च-स्तरीय तकनीक' विकसित करने में शामिल था।
अगस्त 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद, इसरो ने चंद्रमा की सतह से मिट्टी को पृथ्वी पर वापस लाने का एक अधिक "जटिल" मिशन तैयार किया है।